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मिर्जापुर : अडानी समूह के इस थर्मल पावर प्लांट पर लग सकता है ग्रहण, विरोध के बीच की गई पर्यावरणीय स्वीकृति को लेकर लोक जनसुनवाई,ग्रामीणों का आरोप भाड़े पर आई भीड़

मिर्जापुर : अडानी समूह के इस थर्मल पावर प्लांट पर लग सकता है ग्रहण, विरोध के बीच की गई पर्यावरणीय स्वीकृति को लेकर लोक जनसुनवाई,ग्रामीणों का आरोप भाड़े पर आई भीड़

  •   जेपी पटेल
  •  2025-04-14 21:23:03
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अडानी पावर लिमिटेड यूपी में अपना पहला थर्मल पावर प्लांट जनपद मिर्जापुर में लगाने जा रहा. प्लांट में काम शुरू होते ही विरोध भी शुरू हो गया है. हाल ही में पर्यावरणीय स्वीकृति को लेकर की गई लोक जनसुनवाई से ग्रामीण और किसान नाराज हैं, उनका आरोप है कि जल्दी बाजी में अडानी समूह के लोगों ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ भाड़े पर भीड़ को बुलाकर लोक जनसुनवाई पर्यावरणी स्वीकृति को लेकर की है. स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक किये जा रहे अवैध कंस्ट्रक्शन को लेकर एनजीटी में मामला लंबित है,23 अप्रैल को अगली सुनवाई भी होनी है. ऐसे में इसके पहले यह लोक जनसुनवाई किस बात की हुई है. ग्रामीण सवाल कर रहे अभी एनजीटी की रिपोर्ट आई नहीं और जनसुनवाई कर ली गई.ददरी खुर्द गांव के किसान रामाज्ञा सिंह ने न्यूज़ अड्डा क्लिक को जानकारी देते हुए बताया की पर्यावरणीय लोक जनसुनवाई में अनियमितता, अपारदर्शिता एवं पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन किया गया है साथ ही इस पूरे मामले में जिलाधिकारी मिर्ज़ापुर व क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इस संबंध में शिकायत पत्र लिखा है. जिसमें मिर्जापुर जनपद के स्थानीय निवासी एवं कृषक समुदाय के सदस्यों ने 11 अप्रैल 2025 को आयोजित पर्यावरणीय जनसुनवाई प्रक्रिया में पाई गई गंभीर अनियमितताओं के संबंध में पत्र प्रेषित कर अपनी आपत्तियां दर्ज कराई है.ऐसे में आपत्तियां सही पाई जाती है तो थर्मल पावर पर ग्रहण लग जाएगा.

 

गुपचुप में हुई जनसुनवाई,नहीं मिली किसी भी माध्यम से सूचना

किसान रामाज्ञा सिंह बताते हैं कि, पर्यावरण प्रभाव आंकलन (Draft EIA) रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है, जबकि पर्यावरणीय जनसुनवाई से पहले इसका प्रकाशन एवं सार्वजनिक अवलोकन के लिए उपलब्ध कराना अनिवार्य है. वहीं उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय या किसी भी सार्वजनिक पोर्टल पर 11 अप्रैल 2025, प्रातः 11 बजे तक यह रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई गई थी. न तो स्थानीय समाचार पत्रों में सूचना प्रकाशित की गई, और न ही ग्राम स्तर पर प्रचार-प्रसार किया गया, जो कि जनसुनवाई प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा हो रहा है. आगे बताते जब हम संबंधित अधिकारियों से मिलने पहुंचे, तो हमें मिलने से रोका गया. इससे यह संदेह उत्पन्न होता है कि अधिकारीगण स्वयं भी पारदर्शिता के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं. जनसुनवाई में मुख्य अतिथि के रूप में ऐसे व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया, जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से परियोजना से जुड़े हुए हैं, जिससे निष्पक्षता प्रभावित होती है.

जंगल को नष्ट करने की योजना

मिर्जापुर में अडानी समूह का पावर प्लांट जहां बन रहा है वह मड़िहान वन रेंज के बीचों-बीच में है. यहां कई संरक्षित वन्यजीव रहते हैं.2019 में डीएफओ (DFO) ने इसको भालू संरक्षण रिजर्व घोषित करने के लिए उत्तर प्रदेश वन विभाग को प्रस्ताव भी भेजा था. यह जंगल पूरे भारत वर्ष के लिए प्राचीन प्राकृतिक संपदा है, तो यहां पर पाए जाने वाले कई जंगली जानवर उत्तर प्रदेश में दुर्लभ भी हैं. इसकी बावजूद भी यहां पर निर्माण कराया जा रहा है. जितेन्द्र सिंह, शांति सिंह, सुषमा, ममता, इन्दु इत्यादि किसानों सहित जल-जंगल, जमीन एवं पर्यावरण पर काम करने वाले लोगों ने पूर्व में वेलस्पन पावर एनर्जी को लेकर जो परेशानी थी अब वही परेशानी अडानी कंपनी के थर्मल पावर प्रोजेक्ट को भी लेकर होने जा रही हैं. जिनका कहना है मड़िहान के जंगलों के नष्ट होने से महज जंगली जीव जंतुओं, पर्यावरण को ही खतरा होने वाला नहीं है, बल्कि आसपास के इलाकों में पानी का संकट भी गहरा जाएगा जिसका सीधा असर खेती-किसानी से लेकर आस-पास के रहवासियों के नित्य जीवन पर भी सीधा असर डालेगा. जिससे पलायन, भुखमरी जैसी संभावनाओं को भी बल मिल सकता है.

हम आपको बता दें अडानी पावर लिमिटेड उत्तर प्रदेश में अपना पहला थर्मल पावर प्लांट मिर्जापुर के दादरी गांव में लगाने जा रहा है.इस प्लांट में 800-800 मेगावाट में दो कुल 1600 मेगावाट बिजली उत्पादन होगा. गुजरात महाराष्ट्र कर्नाटक राजस्थान तमिलनाडु छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कुल 17510 मेगावाट की बिजली उत्पादन करने वाली अडानी ने अब दादरी खुर्द गांव में 1600 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए परियोजना पर काम शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है इससे लोगों को रोजगार मिलेगा और जनपद का विकास होगा

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