मिर्जापुर के एक एसएसबी जवान की घर आते समय मौत हो गई थी.बिहार के मधुबनी जिले में एक दिन पहले रेलवे ट्रैक जवान का शव मिला था.जवान का पार्थिव शरीर गांव पहुंचने पर पूरा गांव रो पड़ा.जवान के अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी पड़ी. पुलिस के गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद अंतिम संस्कार किया गया.जिले के सपा नेताओं ने जवान के घर पहुंचकर श्रद्धांजलि दिया और आरोप लगाया की यादव होने के कारण जिला प्रशासन ने सम्मान नही दिया.जिले का को मजिस्ट्रेट अधिकारी जवान के सम्मान में नहीं पहुंचा.सत्ता के जनप्रतिनिधि भी नहीं कोई पहुंचा.
बिहार के मधुबनी जिले के राजनगर थाना क्षेत्र में एक दिन पहले रेलवे ट्रैक किनारे मिले एसएसबी जवान का पार्थिव शरीर शुक्रवार को गांव पहुंचने पर पूरा गांव रो पड़ा. जवान के अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ो की संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी. लोगों ने श्रद्धांजलि दिया. इस दौरान भारत माता की जय के नारे भी लगाया गया. पुलिस के गार्ड ऑफ ऑनर के बाद जवान का अंतिम संस्कार किया गया. जवान के अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि देने पहुंचे समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष देवी प्रसाद चौधरी ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ श्रद्धांजलि दिया और आरोप लगाया कि यादव होने की चलते एसएसबी जवान को जिला प्रशासन को जो सम्मान देना चाहिए वह नहीं दिया गया. जिला प्रशासन का कोई भी मजिस्ट्रेट नहीं पहुंचा. केवल पुलिस के द्वारा उन्हें सम्मान दिया गया. यही नहीं आगे कहा कि सत्ता का एक भी एमपी एमएलए प्रमुख पदाधिकारी नहीं पहुंचा. यह सभी सत्ता के मद में चूर हैं इन्हें शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों से कोई सरोवकार नहीं है.
मृतक जवान योगेंद्र कुमार यादव मिर्जापुर जिले के तिवारीपुर कछवां गांव के रहने वाले थे वर्तमान में एसएसबी के 18वीं बटालियन राजनगर मुख्यालय मधुबनी में तैनात थे. 20 मार्च को छुट्टी लेकर सुबह घर के लिए निकले थे.दरभंगा-जयनगर रेलखंड के राजनगर रेलवे स्टेशन के पास रेल ट्रैक के बगल में शव मिला था. आरपीएफ ने शव को कब्जे में लेकर जयनगर थाने को सौंपा था. जयनगर पुलिस ने आई कार्ड से पहचान कर बटालियन को सूचना दिया बटालियन ने परिवार को जानकारी दी. बटालियन के जवानों ने शुक्रवार को सेना के गाड़ी से शव घर लेकर पहुंचे आर्थिक रूप से तत्काल पत्नी को डेढ़ लाख का सहायता दिया पत्नी अनीता ने सहायता लेने से इनकार कर दिया.
मिर्जापुर जिले के तिवारीपुर कछवां गांव के रहने वाले योगेंद्र कुमार यादव 2007 में एसएसबी जवान की परीक्षा पास की थी. 2008 में जॉइनिंग की थी वर्तमान में इनकी तैनाती 18 में बटालियन मधुबनी राजनगर मुख्यालय पर थी.मृतक जवान अपने पीछे पत्नी अनीता यादव के अलावा 14 वर्षीय बेटी वर्षा, 12 वर्षीय बेटे अंकित और 10 वर्षीय बेटा पुनीत को छोड़कर चले गए. पत्नी अनिता ने मांग किया कि बच्चों के शिक्षा का खर्च और दो बच्चों को नौकरी सरकार दे. पत्नी अनीता यादव ने एसएसबी प्रशासन को बड़ा जिम्मेदार ठहराया है कहा कि पति का मानसिक रूप से बीमार थे इस कारण उन्हें हथियार के जगह डंडे के साथ ड्यूटी कराई जाती थी, कई बार शैक्षिक सेवा निवृत्ति की मांग की थी लेकिन प्रशासन ने इस गौर नहीं किया.वही एसएसबी कमांडर दामोदर प्रसाद मीणा ने बताया कि योगेंद्र कुमार यादव छुट्टी लेकर घर जा रहे थे ट्रेन पकड़ने के लिए गुरुवार सुबह बटालियन से निकले थे ,सुबह जीआरपी ने जानकारी दी थी. जवान मनोरोगी था इलाज चल रहा था.
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