मिर्जापुर : परिवार नियोजन अभियान को जिले में लगा बड़ा झटका,नशबंदी के बावजूद भी महिला ने बच्चे को दिया जन्म,नसबंदी के तीन साल बाद महिला बनी मां,महिला ने सातवें संतान को दी जन्म,नशबंदी के बाद बच्चा पैदा होने पर स्वास्थ्य महकमें में मचा हड़कंप,जिला महिला अस्पताल में महिला को हुई हैं लड़की,अहरौरा इलाके की रहने वाली है महिला, पीड़ित पति ने डॉक्टर पर नसबंदी लापरवाही से करने का लगाया आरोप.
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्वास्थ्य महकमें से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है.जहा नसबंदी कराने के तीन साल बाद एक महिला मां बन गई. मामला सामने आने के बाद से स्वास्थ्य महकमें में हड़कंप मचा हुआ है.जानकारी के अनुसार मिर्जापुर जनपद के अहरौरा थाना क्षेत्र के शेखवा गांव की रहने गीता मुसहर ने नसबंदी कराने के बाद भी मां गई है.बताया जा रहा है गीता को पेट में दर्द होने पर बुधवार के सुबह घर से जिला महिला अस्पताल एंबुलेंस से लाया गया. अस्पताल के लेबर रूम में ले जाया गया तो गीता ने एक लड़की को जन्म दिया. जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ बताये जा रहे हैं. पति राजकुमार के मुताबिक पत्नी गीता देवी की छठवें संतान होने पर अहरौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन साल पहले नसबंदी करवाई थी. उसके बाद भी वह गर्भवती हो गईं. जिला महिला अस्पताल में उन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया है.
गीता देवी की पति राजकुमार मुसहर एक मजदूर हैं जो ईट भट्टे पर काम कर अपने परिवार का जीविकोपार्जन करते हैं. राजकुमार के 6 संतान पहले ही थे जिनमें चार लड़के दो लड़कियां थी आज एक और लड़की होने पर 7 संतान हो गए हैं. बड़े लड़के का राजकुमार ने शादी भी कर दी है. सभी बच्चों की बात किया जाए तो क्रमशः इस प्रकार हैं दिव, महेश , चंदन अंतिम, चंदा, विष्णु के बाद नई पैदा हुई लड़की है.
हालांकि इस मामले में जिला महिला अस्पताल के संबंधित डॉक्टर से बात की गई तो कोई कुछ भी बोलने से बचते नजर आए. डॉक्टरों की इस लापरवाही से परिवार नियोजन के अभियान को एक बड़ा झटका लगा है. इसके साथ ही नशबंदी करने वाले डॉक्टर पर भी सवाल उठने लगे हैं.सीएमओ डॉ सीएल वर्मा ने फोन पर बात करते हुए कहा कि घटना की जानकारी नहीं है यदि यह चूक हुई है तो किससे हुई इसका पता लगाया जा रहा है. संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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