मिर्जापुर : वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का मिर्जापुर जनपद में भी कराया गया सर्वे. 704 संपत्तियों की सूची मिली जिसमें 598 संपत्ति सरकारी खतौनी में पाया गया दर्ज, 23 गाटा निजी तो 83 गाटा का अभी नहीं हो पाया है चिन्हांकन. मौलाना का दावा वक्फ बोर्ड की मिर्जापुर जनपद में भी है जमीने यहां पर बनवा देना चाहिए हॉस्पिटल स्कूल. जिलाधिकारी ने बताया कि कराया गया है सत्यापन 598 सरकारी खतौनी में है दर्ज, यहां पर कोई संपत्ति वक्फ बोर्ड की नही है.
वक्फ की संपत्तियों के सर्वे को लेकर दिल्ली से लेकर पूरे देश भर में सियासत शुरू हो गई है.बीजेपी सरकार और विपक्ष इस मामले में आमने-सामने नजर आ रहे हैं.मिर्जापुर में भी वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का सर्वे कराया जा चुका है. वक्फ बोर्ड ने जिले में 704 संपत्तियों पर अपना दावा किया है जब इनकी सूची पर संपत्तियों का सर्वे कराया गया तो 704 में से 598 संपत्तियां सरकारी खतौनी में दर्ज है. 23 गाटे निजी संपत्ति के रूप में है, 83 गाटो का अभी चिन्हांकन नहीं हो पाया है. जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन के मुताबिक यहां पर जो अभी तक सत्यापन कराया गया है उसमें वक्फ़ बोर्ड की कोई संपत्ति नहीं पाई गई है.
मिर्जापुर जिले में वक्फ बोर्ड के नाम पर 704 संपत्तियां की सूची दी गई थी. उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ने 697 उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल बोर्ड ने 7 संपत्तियों की सूची दी थी.प्रदेश सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन ने संपत्तियों का सत्यापन कराया तो संपत्तियों की सत्यापन कराया तो पूरी सच्चाई सामने आ गई.जिसमें 598 संपत्तियां सरकारी खतौनी में दर्ज है.23 निजी है 83 का अभी चिन्हाकन नहीं हो पाया है. जिसकी रिपोर्ट जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने डीएम के माध्यम से शासन को उपलब्ध करा दिया है. तहसील वाई बात किया जाए तो 244 सदर,430 चुनार, 25 मड़िहान और 5 लालगंज तहसील में वक्फ बोर्ड ने संपत्तियों का दावा किया था. जब जिला प्रशासन ने जांच कराया तो 154 सदर,416 चुनार, 24 मड़िहान और 4 लालगंज में संपत्ति सरकारी खतौनी में दर्ज है.वही 7 सदर,14 चुनार, 01 मड़िहान और 1 लालगंज तहसील में निजी संपत्ति पाई गई.83 गाटा का अभी चिन्हांकन नहीं हो पाया है.
मदरसा अरबिया के प्रिंसिपल मौलाना नजम अली खान ने बताया कि वक्फ बोर्ड की काफी जमीन है. 16 बीघा जमीन लोहिया तालाब में है वक्फ नंबर 3 मोना बीवी के नाम से है.वहां पर मस्जिद भी है जिन लोगों ने वक्फ किया है उनके कब्र भी है ,जमीन का सिविल कोर्ट में मुकदमा चल रहा है उसके पैरवी भी हमारे तरफ से किया जा रहा है. जो अवैध तरीके से कब्जा किया गया है.वही वक़्फ़ बोर्ड के बिल संशोधन को लेकर कहा कि चारों तरफ इसका विरोध हो रहा है हम यही चाहते हैं जो वक्फ की प्रॉपर्टी जिन लोगों वक्फ किया है उनके मुताबिक काम होना चाहिए गरीबों की मदद होनी चाहिए,वहां हॉस्पिटल, बच्चों के लिए स्कूल बनवा देना चाहिए जिसे सभी समाज को फायदा हो. सदर तहसील के लोहिया तालाब के पास 16 बीघे की जमीन पर मौलाना दावा कर रहे हैं कि वक्फ बोर्ड की जमीन है जो अवैध तरीके से कब्जा कर लिया गया है उसका मुकदमा भी चल रहा है. जमीन पर रह रहे मनचंद सोनकर ने बताया कि हमारे दादा के जमाने की जमीन है. इधर-उधर कराकर वक्फ बोर्ड की जमीन कर दिया गया. हमारे दादा मुकदमा लड़ रहे थे, उनके मृत्यु होने के बाद इस जमीन पर अब हम लड़ रहे हैं इसका स्टे भी है,जो वक्फ बोर्ड की जमीन बता रहे हैं कोई सबूत नहीं दे रहे हैं,यह कहां से पाए जवाब नहीं दे रहे हैं.वक्फ बोर्ड बिल संशोधन को लेकर कहा जो सरकार कहेगी उसी को हम मानेंगे.
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि 704 संपत्तियों की सूची प्राप्त हुई थी. जब इसका सत्यापन कराया गया तो 598 संपत्तियां सरकारी खतौनी में दर्ज हैं. 23 गाटे निजी संपत्ति है तो 83 गाटे का अभी चिन्हाकन नहीं हुआ है. मिर्जापुर जनपद में वक्फ बोर्ड की कोई संपत्ति नहीं पाई गई है.
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