मिर्जापुर: मझवा से बीजेपी की प्रत्याशी सुचिस्मिता मौर्य ने चुनाव जीता,सुचिस्मिता मौर्य ने जीती हारी हुई बाजी,समाजवादी पार्टी की डॉ ज्योति बिन्द चुनाव हारी,सुचिस्मिता मौर्य ने डॉ ज्योति बिन्द 4922 वोटो से हराया,पिता को 2017 में बेटी को 2024 के चुनाव में हराया. पत्रकारों से बात करते हुए सुचिस्मिता मौर्य ने कहा जीत का श्रेय भारतीय जनता पार्टी और मझवा के सम्मानित मतदाता को जाता है. जाति से उठकर लोगों ने विकास के नाम पर वोट किया है. मझवा का विकास और आगे बढ़ेगा.
उत्तर प्रदेश के 9 विधानसभा सीटों पर हुए उप चुनाव का आज नतीजे घोसित हो चुके हैं.उप चुनाव में ज्यादा सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है. मिर्जापुर के मझवा विधानसभा सीट पर बीजेपी के सुचिस्मिता मौर्य ने जीत दर्ज की है. उन्होंने सपा प्रत्याशी डॉ ज्योति बिंद को 4922 वोटों के अंतर से हराया.डॉ ज्योति बिंद के पिता डॉ रमेश चंद बिंद को भी 2017 के चुनाव में सुचिस्मिता मौर्य ने हराया था,डॉ रमेश चंद बसपा से लगातार तीन बार से विधायक चुने जा रहे थे.सुचिस्मिता मौर्य पूर्व विधायक हैं,2022 के चुनाव में निषाद पार्टी के खाते में सीट चले जाने से सुचिस्मिता मौर्य का टिकट कट गया था लेकिन उन्होंने बीजेपी का साथ नही छोड़ा था एक बार फिर बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ विधायक बन गई.सुचिस्मिता मौर्य को जहां 77737 वोट मिले तो वहीं सपा के डॉ ज्योति बिंद को 72815 वोट मिले. बीएससी के दीपक तिवारी को 34927 मत मिले.सुचिस्मिता मौर्य ने डॉ ज्योति बिंद को 4922 वोटों के अंतर से हराया दिया. तीसरे स्थान पर बसपा के दीपक तिवारी रहे. उन्हें 34927 वोट मिले. सुचिस्मिता मौर्य के ससुर रामचंद्र मौर्य मझवा से एक बार विधायक रह चुके हैं.
*कौन हैं सुचिस्मिता मौर्य*
सुचिस्मिता मौर्य मिर्जापुर शहर के पुरानी अंजही मोहल्ले की रहने वाली है.एमबीए की डिग्री रखने वाली सुचिस्मिता मौर्य जनपद के सबसे अमीर घराने की बहू है. कालीन की व्यवसाय घर में होता है.सुचिस्मिता मौर्य राजनीतिक परिवार से भी आती हैं. ससुर रामचंद्र मौर्य 1996 में मझवा विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी से विधायक भी चुने गए थे. एक लंबा अंतराल के बाद ससुर रामचंद्र की निधन के बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने टिकट दिया मोदी लहर पहली बार मझवां से अपना भाग्य आजमा रहीं सुचिस्मिता मौर्य को जनता का समर्थन मिला वह जीत गई.पहली बार राजनीति में सुचिस्मिता मौर्य ने बसपा के तीन बार से लगातार हो रहे विधायक डॉ रमेश चंद बिंद को हराकर मझवा से विधानसभा भवन पहुंची थी. 2022 के विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी के खाते में सीट चले जाने से सुचिस्मिता मौर्य टिकट कट गया था. डॉ रमेश बिंद को हराने के बाद अब डॉ रमेश चंद बिंद की बेटी डॉ ज्योति बिंद को भी हराने में सफल हो गई.
सुचिस्मिता मौर्य की यह सीट कभी कांग्रेस बीएसपी की गढ़ मानी जाती थी.मोदी लहर के बाद से यहाँ 2017 से बीजेपी एनडीए गठबंधन जीत रही हैं.19 52 से लेकर अबतक 7 बार कांग्रेस प्रत्याशी जीत दर्ज की है.बहुजन समाज पार्टी को पांच बार सफलता मिली है. भारतीय जनसंघ और बीजेपी के प्रत्याशियों ने तीन बार विजयी हुए हैं. जनता दल,जनता पार्टी और निषाद पार्टी को एक-एक बार ही कामयाबी मिली है. उत्तर प्रदेश में चार बार समाजवादी पार्टी की सरकार रहने के बावजूद भी मझवां से समाजवादी पार्टी का इस बार भी खाता नहीं खुल पाया.
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