मिर्जापुर : टोल प्लाजा को लेकर केंद्रीय राज्यमंत्री और प्रदेश सरकार के मंत्री हुए आमने सामने.अनुप्रिया पटेल के पत्र का नंद गोपाल नन्दी ने दिया जवाब, कहा टोल प्लाजा ठीक है, दो टोल के बीच की दूर भी सही है, नहीं हो रही गलत वसूली.पत्र लिखकर अनुप्रिया पटेल ने उठाया था वाराणसी- शक्तिनगर मार्ग (एसएच-05ए) में स्थित टोल प्लाजा का मामला, नियमसंगत नहीं होने का लगाया था आरोप. नंदी ने पत्र के जबाव में फत्तेपुर एवं अहरौरा टोल प्लाजा में से एक ही स्थान पर टोल लेने की है व्यवस्था, अनुप्रिया के हर सवाल का नन्दी ने दिया तथ्यों के साथ बिंदुवार जवाब कहा, केंद्रीय मंत्री के आरोप तथ्यहीन केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया और योगी सरकार में मंत्री नन्द गोपाल नन्दी के बीच हुए पत्राचार के बाद जब रियल्टी चेक टोल प्लाजा पर जाकर किया गया तो स्थानीय लोगों बताया मानक के विपरीत स्थित टोल से की जा रही है वसूली. बिना फास्ट टैग लगे लिया जा रहा पैसा.
मिर्जापुर में टोल प्लाजा मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर कहा था वाराणसी- शक्तिनगर मार्ग में स्थित टोल प्लाजा को हटाया जाय नियमसंगत नहीं होने का भी आरोप लगाया था.जिसके जबाब में मंत्री नंद गोपाल नंदी ने कहा फत्तेपुर एवं अहरौरा टोल प्लाजा में से एक ही स्थान पर टोल लेने की है व्यवस्था.अनुप्रिया पटेल के हर सवाल का नन्दी ने बिंदुवार जवाब देकर कहा केंद्रीय मंत्री का पत्राचार तथ्यहीन हैं.दरअसल वर्ष 2015 में स्टेट हाईवे के निर्माण के बाद डीपीआर में तीन टोल प्लाजा ही स्वीकृत हुए थे, जिसमें फतेहपुर, राबर्टसगंज और हाथी नाला के टोल प्लाजा. वर्ष 2022 मार्च में अस्थाई टोल प्लाजा के वनस्थली को स्थापित किया गया. इसको स्थापित करते समय लीकेज को रोकना था, फतेहपुर और वनस्थली के बीच की दूरी 22 किमी ही जबकि 60 किमी पर ही टोल प्लाजा मानक के अनुसार होना चाहिए. नेशनल हाईवे वाराणसी से मध्य प्रदेश पर वर्ष 2022 में टोल प्लाजा स्थापित होने के बाद इस स्थाई टोल प्लाजा को हटाने की मांग होने लगी .स्थानीय ग्रामीणों के साथ किसान यूनियन ने इसको लेकर लंबी लड़ाई लड़ी, 70 दिनों तक किसान यूनियन ने धरना प्रदर्शन किया .शासन और प्रशासन को कई बार ज्ञापन और पत्र लिखा जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. 11 नंबर को जिले की सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अस्थाई रूप से स्थापित तो प्लाजा को हटाने की मांग की पर हटाया नहीं गया . 12 जुलाई को पुनः मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने पिछले पत्र की याद दिलाई .इस पत्र के जबाव में प्रदेश सरकार के मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री ने अस्थाई रूप से स्थापित किए गए टोल प्लाजा को जायज और उचित बताया.इसको लेकर जब आजटोल प्लाजा पर पहुंचकर रियल्टी चेक किया गया जिसमें स्थानीय ग्रामीण इसे पूरी तरह से मानकों के विपरीत और अवैध बता रहे हैं.
स्थानीय किसान नेता कंचन सिंह ने बताया कि 22 किमी की दूरी पर स्थापित टोल प्लाजा पर फास्ट टैग से नहीं कैश में टोल लिया जाता है. उसको लेकर भी यात्रियों और स्थानीय ग्रामीण में नाराजगी है .इसके साथ ही स्थानीय ग्रामीणों और किसानों को काफी टोल देना पड़ता है. वही टोल प्लाजा के मैनेजर अतुल सिंह ने बताया कि कैश टोल लिए जाने पर कहा कि एक महीने में फास्ट टैग हो जायेगा. इसके लिए पत्राचार किया गया है. साथ ही बताया कि एक ही जगह टोल लिया जाता है. तीसरी टोल प्लाजा को लेकर कहां की वह नेशनल हाईवे की है और हमारे दो स्टेट हाईवे के हैं जिनमें एक पर ही लिया जाता है.
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