मिर्जापुर : पुलिस के खिलाफ बीएनएस के तहत मिर्जापुर जनपद में पहला एफआईआर दर्ज करने का सीजेएम ने दिया आदेश, जिगना थाना प्रभारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ करने का सीजेएम कोर्ट ने दिया आदेश, नए कानून बीएनएस में न्यायालय ने थाना प्रभारी शैलेश राय, एसआई सुभाष यादव सहित छः लोगों पर एफआईआर दर्ज़ करने का दिया आदेश, थाना प्रभारी शैलेश राय पर अवैध रुप से जमीन कब्ज़ा कराने का है आरोप,गांव के शिकायत करने पर जिगना थाना प्रभारी शैलेश राय हल्का दरोगा और थाने की फोर्स सहित पीड़ित के घर में घुसकर मारपीट व तोड़फोड़ करने का है आरोप, पीड़ीत का आरोप थाना प्रभारी ने घर में घुसकर महिलाओं के साथ भी किया दुर्व्यवहार, पीड़ीत सभा शंकर दुबे के अधिवक्ता विष्णु सागर पांडेय ने न्यायालय में वाद दाखिल कर थाना प्रभारी सहित अन्य पर एफआईआर पर दर्ज़ कर विवेचना कराए जाने की थी मांग.जिगना थाना क्षेत्र अंतर्गत हड़गढ़ भौरूपुर गांव का मामला.
मिर्जापुर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संजीव कुमार त्रिपाठी ने फर्जी तरीके से जमीन कब्जा कराने के आरोप में जिगना थाना प्रभारी शैलेश राय सहित छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है.यही नहीं जिगना पुलिस से मुकदमा दर्ज करके तीन दिन के अंदर न्यायालय को अवगत कराने का आदेश दिया है. दरअसल जिगना क्षेत्र के भौरू पुर साटन पट्टी गांव के रहने वाले सभा शंकर दुबे के अधिवक्ता विष्णु सागर पांडेय द्वारा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की न्यायालय में 175 (3) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत वाद दाखिल किया गया था जिसमें आरोप लगाया गया कि जिगना थाना प्रभारी शैलेश राय ,उपनिरीक्षक सुभाष यादव साथ ही पांच अज्ञात पुलिसकर्मी सहित गांव के बसंती देवी, दयासागर और सुखसागर 13 जुलाई की सुबह सभा शंकर दुबे के घर पहुंचे,बिना कुछ बोले घर में घुसकर महिलाओं का हाथ पकड़कर खींचकर बाहर कर दिया गया साथ ही पुलिस बिना किसी उच्चाधिकारियों के निर्देश पर पीड़ित की भूमि पर विपक्षी को कब्जा दिला दिया गया.और पीड़ित के भतीजे विवेक को थाने पुलिस उठा ले गई. अधिवक्ता की याचिका पर कोर्ट ने आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर न्यायालय को अवगत कराने का आदेश दिया है.
पीड़ित सभा शंकर दुबे ने बताया की खेत का एक मामला न्यायालय में कैंसिलेशन का विचाराधीन है इसके बाद बिना किसी आदेश के जिगना थाना प्रभारी द्वारा विपक्षी के साथ मिलीभगत करते हुए खेत को जोतवा दिया गया. इसकी शिकायत पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों से शिकायत किया गया पर कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसके बाद सीजेएम कोर्ट की शरण में गए, कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पीड़ित के प्रार्थना पर कार्रवाई करते हुए मुकदमा का आदेश दिया है. वही अधिवक्ता विष्णु सागर पांडेय ने बताया की नए कानून बीएनएस के तहत मिर्जापुर जनपद में पहली बार पुलिस के खिलाफ न्यायालय ने मुकदमे का आदेश दिया है. न्यायलय में बैनामा कैंसिलेशन का मुकदमा विचाराधीन होने के बाद भी बिना किसी आदेश और राजस्व टीम लिए थाना प्रभारी ने जबरदस्ती हमारे मुवक्किल के विपक्षी से मिलकर खेत को जोतवा कर कब्जा करा दिया था. पीड़ित कई दिनों तक घर छोड़कर जान बचाता रहा. पुलिस महकमे के जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई.थकहार कर न्यायालय की शरण में जाना पड़ा. सीजेएम संजीव त्रिपाठी ने आदेश देते हुए थाना प्रभारी, उप निरीक्षक सहित छः लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है.
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