news updates

मिर्जापुर :प्रेम प्रसंग के चलते दो दोस्तों ने अपने ही दोस्त की ले ली जान मिर्जापुर : अधिवक्ता के मुंशी आदिवासी दयाराम रातों-रात बने करोड़पति, किस्मत बदलने पर खुश मिर्जापुर : सपा छात्र सभा के प्रदेश महासचिव कुँवर ऋतेश सिंह पटेल ने योगी सरकार पर साधा निशाना मिर्जापुर: हूज़ हूँ इन अमेरिका के सूची में शामिल हुए भारतीय मूल के वैज्ञानिक डॉ. मयंक मिर्जापुर : अस्पताल के बेड पर घायल पड़े प्रेमी से प्रेमिका ने रचाई शादी,प्रेमी ने प्रेमिका की मांग में सिंदूर भर लगाया गले

मिर्जापुर : सीता कुंड के पास भरभरा कर गिरा विंध्य पर्वत, सीता कुंड पर लगे टाइल्स टूटे

मिर्जापुर : सीता कुंड के पास भरभरा कर गिरा विंध्य पर्वत, सीता कुंड पर लगे टाइल्स टूटे

  •   जेपी पटेल
  •  2024-06-27 21:29:54
  •  0

मिर्जापुर : सीता कुंड के पास भरभरा कर गिरा विंध्य पर्वत, सीता कुंड पर लगे टाइल्स टूटे,रास्ते में पत्थर होने से पर्यटकों को आने-जाने में हो रही परेशानी,बीती रात हल्की बारिश के बाद गिरा विंध्य पर्वत, भूस्खलन की आशंका से पुजारी और पर्यटकों को लग रहा डर,पर्यटन विभाग द्वारा संरक्षित है सीता कुंड, पुजारी ने कहा कि कोई नहीं पहुंचा देखने मौके पर अधिकारी,विंध्याचल धाम के त्रिकोण मार्ग पर स्थित है सीता कुंड.

 

धर्मानगर काशी और प्रयागराज के बीच स्थित मिर्जापुर जनपद भी धार्मिक स्थान के नाम से जाना जाता है. मिर्जापुर के विंध्याचल धाम में स्थित है विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी क धाम जहां पर हर दिन हजारों की संख्या में लोग पहुंचकर दर्शन पूजन करते हैं.मां विंध्यवासिनी के साथ ही मां काली,  मां अष्टभुजा और सीता कुंड को दर्शन करना नहीं भूलते है.यह सभी स्थान त्रिकोण मार्ग पर स्थित है. सीताकुंड आने वाले पर्यटकों भूस्खलन की आशंका का डर सता रहा है.बीती रात हल्की बारिश के बीच  विंध्य पर्वत का एक हिस्सा भरभराकर गिर पड़ा है. जिससे सीता कुंड पर लगे फर्श की टाइल्स क्षतिग्रस्त हो गई है.कुंड पर पहुंचने वाले भक्तों को पहाड़ के पत्थरों के बीच दर्शन करना पड़ रहा है. सीता कुंड और मंदिर के चारों तरफ पत्थर के टुकड़े बिखरे पड़े है. बताया जा रहा है पहली बार इस तरह का पत्थर टूट कर पहाड़ों से सीता कुंड और मंदिर तक पहुंचा है. गनीमत रहा रात होने के कारण कोई पर्यटक और पुजारी नहीं था नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था.  

 

त्रेता युग में विंध्याचल धाम के त्रिकोण पथ पर माता सीता ने जहा विश्राम किया था उस स्थल को आज सीता कुंड के नाम से जाना जाता है .इस स्थान को पर्यटन विभाग ने संरक्षित किया हैं. छोटे-छोटे पत्थर टूट कर सीता कुंड के पास बिखरे होने को लेकर आए पर्यटकों ने कहा कि आने-जाने में परेशानी हो रही है पत्थर चारों तरफ जमा हुआ है. मंदिर तक पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सीता कुंड के पुजारी राजेश दुबे ने बताया कि हल्की बारिश होने के चलते रात में पहाड़ का पत्थर टूट कर सीता कुंड और राम सीता मंदिर के पास तक बिखर गया है. चैत शारदीय नवरात्रि के दिनों में अगर भूस्खलन होता तो बड़ा हादसा हो सकता था क्योंकि  काफी संख्या में साधक कुंड के पास अपना डेरा डालकर साधना करते हैं. गनीमत रहा की गुप्त नवरात्रि के दौरान रात में पर्वत का हिस्सा ढहने से कोई जनहानि नहीं हुई. कुंड के पास भक्तों की सुविधा के लिए लगाई गई टाइल्स क्षतिग्रस्त हो गई.मंदिर जाने वाले मार्ग और आस पास पत्थरों का ढेर पड़ा है.अभी तक कोई भी अधिकारी इसके बारे में जानकारी लेने नहीं आया है

Tag :  

संबंधित पोस्ट