इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मिर्जापुर लालगंज के पूर्व जिला पंचायत सदस्य वसीम अहमद व शमशुद्दीन के द्वारा किए गए गबन की वसूली की मांग को लेकर दाखिल पति की याचिका वापस लेने के बाद पत्नी द्वारा वही याचिका दाखिल करने को लेकर न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग करार देते हुए हाई कोर्ट ने बीस हजार के हर्जाने के साथ याचिका खारिज कर दी है.जिससे याचिकाकर्ता को बड़ा झटका लगा है.हाई कोर्ट से राहत मिलने के बाद पूरे मामले को लेकर पूर्व जिला पंचायत सदस्य वसीम अहमद ने बताया कि झूठे व गलत तथ्य के आधार पर पहले मारूफ उसके बाद उनकी पत्नी ने जनहित याचिका दायर की थी जिसको कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इसके साथ ही इनके अन्य परिवार भी विभिन्न विभागों में झूठा आरोप पत्र दिया गया है जिससे हमारा परिवार मानसिक रूप से परेशान रहता है.
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