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मिर्जापुर : 35 सालों से रामचरित मानस का पाठ कर रहे मोहम्मद इस्लाम की भी तमन्ना है श्रीराम का दर्शन करने का

मिर्जापुर : 35 सालों से रामचरित मानस का पाठ कर रहे मोहम्मद इस्लाम की भी तमन्ना है श्रीराम का दर्शन करने का

  •   जेपी पटेल
  •  2024-01-20 20:18:22
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मिर्जापुर : मोहम्मद इस्लाम 35 सालों से कर रहे है रामचरित मानस का पाठ.रामलीला मंचन में व्यास गद्दी संभालते हैं मोहम्मद इस्लाम. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, महाराष्ट्र तक होती है इनकी बुलावा.भगवान प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कहा कि मेरी भी तमन्ना है भगवान का दर्शन करने का, मंदिर का निर्माण पहले ही हो जाना चाहिए था, आज हमें बेहद खुशी है भगवान श्रीराम का प्राण प्रतिष्ठा होने जा रहा है.

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हो रहे भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरा देश उत्साहित है.मिर्जापुर के पहाड़ी ब्लाक के धर्मदेवा गांव के रहने वाले मोहम्मद इस्लाम भी श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बेहद खुश है.मोहम्मद इस्लाम 35 सालों से रामचरितमानस का पाठ कर रहे हैं.रामलीला मंचन में व्यास गद्दी का भूमिका निभाते हैं तो वहीं किसी हिंदू के घर से बुलावा आ जाता है तो अपने टोली के साथ पहुंचकर रामचरितमानस का पाठ करते हैं.तीन दशक से ज्यादा रामचरित मानस का पाठ करने के कारण अब इन्हें रामचरित मानस पूरी तरह से कंठस्त हो गया है.अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर बेहद उत्साहित है और खुश हैं.मोहम्मद इस्लाम का कहना है यह काम पहले ही हो जाना चाहिए था.मेरी भी तमन्ना है भगवान रामलला का दर्शन करने का, यह सब भगवान की कृपा से होता है भगवान का कृपा था मंदिर बन गया. प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या जाकर भगवान राम का दर्शन करेंगे.

मोहम्मद इस्लाम मुस्लिम होकर भी भगवान राम की उपासना करते हुए रामचरित मानस का पाठ करते है.उन्हें मानस पाठ करते देख कोई यह समझ ही नही पता की वह मुस्लिम है.बचपन में गांव के साथियों के साथ सुंदर कांड का पाठ करने घर घर जाते जाते उनका मन रामचरित मानस के पाठ में ऐसा रम गया की गांव में होने वाले रामलीला में उन्हें मानस का पाठ करने के लिए व्यास की भूमिका मिलने लगी. रामलीला में 35 सालों से व्यास की भूमिका निभा रहे हैं. मोहम्मद इस्लाम का कहना है कि रामचरितमानस पाठ के लिए उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश पश्चिम बंगाल दिल्ली महाराष्ट्र तक से बुलावा आता है वहां जाकर रामचरितमानस पाठ करता हूं हमें तो सब एक लगते हैं न हिंदू और न मुसलमान.

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